रीवा

Rewa news, शिक्षा एवं साहित्य जगत में शोक की लहर, श्री रामदर्शन मिश्रा “राही” पूर्व उप कुलसचिव APSU रीवा का निधन।

Rewa news, शिक्षा एवं साहित्य जगत में शोक की लहर, श्री रामदर्शन मिश्रा “राही” पूर्व उप कुलसचिव APSU रीवा का निधन।

शिक्षा जगत के महाकवि साहित्यकार “राही” के निधन पर उप मुख्यमंत्री सहित साहित्य जगत के लोगों ने व्यक्त की शोक संवेदना।

रामानंद शुक्ला/ विराट वसुंधरा
रीवा। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के चुरहट विधानसभा के छोटे से गांव धनेसर ग्राम पंचायत गड़हरा पोस्ट रैदुअरिया थाना रामपुर नैकिन में जन्मे ए पी एस युनिवर्सिटी रीवा उप कुलसचिव रहे राम दर्शन मिश्र राही का मंगलवार को बैकुंठ वास हो गया है। उनके निधन क्षेत्र सहित साहित्य जगत में शोक व्याप्त है। स्व श्री मिश्र अपने पीछे छोटे भाई रवीन्द्र मिश्रा सहित भतीजो से भरा परिवार छोड़ गए। बता दें कि स्व श्री मिश्र विंध्य क्षेत्र के साहित्यकार, महाकवि जिन्होंने ने पच्चास हजार से ज्यादा कविताओं का सृजन किया है जिनका कहना था ” कविता मेरी मन प्राण और लहू है” ऐसे उद्दात विचारों के पोषक, आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी कुशल प्रशासक अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलसचिव प्राणालोक साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष संस्कृति के कवि बाणभट्ट जन्मभूमि आंदोलन के स्तम्भ सिद्धान्त वादी एवं ईमानदार और कर्मयोगी महापुरुष रहे हैं, श्री रामदर्शन मिश्र राही जी का महाप्रयाण स्तब्ध कराने वाला‌ है पूरे साहित्य जगत में शोक की लहर व्याप्त है,वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली है।

उप मुख्यमंत्री सहित कई लोगों ने व्यक्त की शोक संवेदना।

रामदर्शन मिश्रा “राही” के निधन पर मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने श्री रामदर्शन मिश्रा “राही” के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि विंध्य क्षेत्र के प्रख्यात कवि, प्राणालोक पत्रिका के संस्थापक, सीधी जिले के भंवरसेन में महाकवि बाणभट्ट समारोह के संरक्षक एवं रीवा वि.वि. के पूर्व उप कुलपति श्री रामदर्शन मिश्रा “राही” जी के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह साहित्य एवं शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उप मुख्यमंत्री ने राही जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है एवं ईश्वर से पुण्यात्मा की शांति हेतु कामना की है इसके अलावा अमित द्विवेदी शिकारगंज सीधी ने शोक जाहिर करतें हुए कहा कि मेरा उनका सम्बंध बहुत ही निकट का मधुर था मुझे याद है पिछले वर्ष बाणभट्ट समारोह का आयोजन मानस भवन रीवा में हुआ था जहां आपका अभिनन्दन किया गया था मैं उनके स्नेह का सदा आभारी रहूंगा। उनके लिए चार पंक्तियां समर्पित है।

दिशाएं स्तब्ध हुईं, दिग्गज दुखी हुए स्व -स्थान ।
ग्रह नक्षत्र सब विलख रहे सूरज का हुआ अवसान।
छाती वोझिल विंध्य धरा की,व्याकुल तिनका तिनका है ,
असह दर्द हुआ हृदय में,तेरा असमय जो हुआ प्रस्थान।।

स्वर्गीय श्री राही जी को जिन कवियों ने शोक जाहिर किया है उनमें अमित कुमार द्विवेदी, सूर्य नारायण गौतम, सुभाष बाबू पाण्डेय,इंजी. शेर बहादुर सिंह परिहार, कमल किशोर मिश्र,अमोल प्रसाद मिश्र बटरोही भृगुनाथ पाण्डेय,रवि त्रिपाठी, अंकित पाण्डेय,प्रद्युम्न नामदेव विजय लक्ष्मी शुक्ला के अलावा अंचल के मुकुटमणि त्रिपाठी रामबिहारी पाण्डेय पत्रकार चक्रधर पाण्डेय कमलेश त्रिपाठी समुंदर चंद्रमणि त्रिपाठी सहित रीवा सीधी सिंगरौली सतना शहडोल मैहर मऊगंज जिले साहित्य कार सामिल है।

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